70 और 80 के दशक में बॉलीवुड में कई खूबसूरत और प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों ने कदम रखा, लेकिन कुछ ही ऐसी थीं जिन्होंने अभिनय से दिलों में गहरी छाप छोड़ी। ऐसी ही एक अदाकारा थीं प्रिया तेंदुलकर, जिनकी पहचान न केवल सशक्त किरदारों के लिए बनी, बल्कि उन्होंने अपने दम पर फिल्मों से लेकर टीवी तक का सफर तय किया। अभिनय के मंच पर उन्होंने खूब नाम कमाया, लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतनी ही उतार-चढ़ाव से भरी रही। कामयाबी की ऊंचाई छूने वाली ये अभिनेत्री महज 47 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गईं।
शाहरुख की ऑन-स्क्रीन मां, असल जिंदगी में अकेली
प्रिया तेंदुलकर ने श्याम बेनेगल की फिल्म 'अंकुर' (1974) से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उन्हें असली पहचान दूरदर्शन के आइकॉनिक शो ‘रजनी’ से मिली। इसके अलावा वो ‘हम पांच’ और ‘त्रिमूर्ति’ जैसी फिल्मों में भी नजर आईं, जहां उन्होंने शाहरुख खान की मां की भूमिका निभाई थी। हालांकि हिंदी फिल्मों से ज्यादा उनका झुकाव मराठी फिल्मों और थिएटर की ओर रहा। एक्टिंग से पहले प्रिया ने 5 स्टार होटल में रिसेप्शनिस्ट, फिर एयर होस्टेस और न्यूज रीडर के तौर पर भी काम किया। मॉडलिंग के साथ-साथ उन्होंने थिएटर में भी शुरुआत की। उनके पिता विजय तेंदुलकर, पद्मभूषण से सम्मानित मशहूर नाटककार थे और प्रिया का कला की ओर झुकाव बचपन से ही था।
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शादी और फिर टूटा रिश्ता
प्रिया को अपने एक्टिंग करियर के दौरान अभिनेता और लेखक करण राजदान से प्यार हुआ। चार साल तक डेटिंग के बाद दोनों ने शादी कर ली। लेकिन शादी महज 7 साल ही चल सकी और 1999 में तलाक हो गया। करण राजदान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में स्वीकार किया कि यह उनके जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। उन्होंने कहा, 'मैं उस वक्त खुद भी समझ नहीं पा रहा था कि हमारे बीच क्या गलत हो रहा है। वह बहुत पजेसिव थीं, और मैं शायद उतना मैच्योर नहीं था।' करण ने यह भी कहा कि प्रिया तलाक नहीं चाहती थीं, लेकिन उन्होंने जिद पर तलाक लिया।
तलाक के बाद कैंसर से जूझीं, अकेली रहीं
तलाक के कुछ समय बाद प्रिया को कैंसर हो गया। करण बताते हैं कि उन्हें बाद में पता चला कि प्रिया की तबीयत बहुत बिगड़ गई है। उन्होंने कहा, 'परिवार की ओर से बताया जा रहा था कि वह ठीक हो रही हैं, लेकिन अचानक किसी का फोन आया और पता चला कि वो नहीं रहीं। मुझे आज भी पछतावा है।' करण ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने प्रिया की जिंदगी पर एक बायोपिक लिखी थी, जिसे एक मराठी चैनल पर लाने की बात हुई, लेकिन वह बन नहीं पाई। 2002 में दुनिया को अलविदा कहने से पहले भी, प्रिया तेंदुलकर आखिरी वक्त तक अभिनय से जुड़ी रहीं।
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